A Secret Weapon For Shiv chaisa
A Secret Weapon For Shiv chaisa
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ईश्वर ने मेरे भाग्य में क्या लिखा है - प्रेरक कहानी
त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥
शिव आरती
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
किया तपहिं भागीरथ भारी। पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी॥
मातु पिता भ्राता सब कोई। संकट में पूछत नहिं कोई॥
त्रिपुरासुर सन Shiv chaisa युद्ध मचाई। सबहिं कृपा कर लीन बचाई॥
स्वामी एक है आस तुम्हारी। आय हरहु अब संकट भारी॥
नमो नमो जय नमो शिवाय। सुर ब्रह्मादिक पार न पाय॥
सबहिं कृपा कर लीन बचाई ॥ किया तपहिं भागीरथ भारी ।
योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश Shiv chaisa नवावैं॥
वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥
धन निर्धन को देत सदाहीं। जो कोई जांचे वो फल पाहीं॥
द्वादश ज्योतिर्लिंग मंत्र